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भारत में नए और पुराने कर प्रणाली के बीच मुख्य अंतर निम्नलिखित हैं:
#पुराना कर प्रणाली (Old Tax Regime):
1. **छूट और कटौतियाँ**: इस प्रणाली में विभिन्न छूट और कटौतियाँ उपलब्ध हैं, जैसे कि जीवन बीमा प्रीमियम, घर के ब्याज, और चिकित्सा खर्च।
2. **कर की दरें**: यह प्रणाली सामान्यतः उच्च कर दरें प्रदान करती है, लेकिन विभिन्न छूटों के माध्यम से कर दायित्व कम किया जा सकता है।
3. **फाइलिंग प्रक्रिया**: पुरानी प्रणाली में अधिक विवरण और दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
# नया कर प्रणाली (New Tax Regime):
1. **कम कर दरें**: नए कर प्रणाली में कर दरें कम हैं, लेकिन इसमें छूट और कटौतियाँ बहुत सीमित हैं।
2. **सरलता**: यह प्रणाली सरल और सीधी है, जिससे करदाता को फाइलिंग में कम परेशानी होती है।
3. **ब्याज की कमी**: यदि आप छूटों का लाभ नहीं लेते हैं, तो यह प्रणाली आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है।
चयन:
करदाता को यह चुनने का विकल्प होता है कि वे किस प्रणाली का पालन करना चाहते हैं। निर्णय लेते समय अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति और लक्ष्यों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।
GOVT CIRCULAR AND TAX SLABS 👇
2023-24 के लिए नए कर प्रणाली के स्लैब इस प्रकार हैं:
1. **2.5 लाख तक**: कोई कर नहीं।
2. **2.5 लाख से 5 लाख**: 5% कर।
3. **5 लाख से 7.5 लाख**: 10% कर।
4. **7.5 लाख से 10 लाख**: 15% कर।
5. **10 लाख से 12.5 लाख**: 20% कर।
6. **12.5 लाख से 15 लाख**: 25% कर।
7. **15 लाख और उससे अधिक**: 30% कर।
नोट: नए कर स्लैब का लाभ उठाने के लिए आपको सभी छूटों और कटौतियों का त्याग करना होगा।
पुराने कर शासन (Old Tax Regime) में कर की दरें आय के विभिन्न स्तरों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं। यहाँ 2023-24 के वित्तीय वर्ष के लिए आयकर स्लैब दिए गए हैं:
#व्यक्तिगत करदाताओं (60 वर्ष से कम):
1 **2.5 लाख रुपये तक**: 0% (कोई कर नहीं)
2. **2.5 लाख से 5 लाख रुपये**: 5%
3. **5 लाख से 10 लाख रुपये**: 20%
4. **10 लाख रुपये से अधिक**: 30%
#वरिष्ठ करदाताओं (60 वर्ष और उससे अधिक):
1.**3 लाख रुपये तक**: 0% (कोई कर नहीं)
2. **3 लाख से 5 लाख रुपये**: 5%
3. **5 लाख से 10 लाख रुपये**: 20%
4. **10 लाख रुपये से अधिक**: 30%
#सुपर वरिष्ठ करदाताओं (80 वर्ष और उससे अधिक):
1. **5 लाख रुपये तक**: 0%
2. **5 लाख से 10 लाख रुपये**: 20%
3. **10 लाख रुपये से अधिक**: 30%
इन स्लैब के अनुसार, करदाताओं को अपनी आय पर कर चुकाना होता है। यदि आपके पास कोई खास प्रश्न है या और जानकारी चाहिए, तो बताएं!
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Team Alpha