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क्या देश का विकास हो रहा है?? " Is the country growing ?"




क्या देश का विकास हो रहा है??
Is the country growing ?? 



यदि आपका उत्तर हां है तो में बताना चाहूंगा  आज
भी कई ऐसे घर है जहां दो दिन में एक  बार चूल्हा जलता है
भी ऐसे घर। है जहां बाप सुबह काम। केलिए तो निकलता है लेकिन शाम को उस खाली हाथ लौटना पड़ता है
आज भी ऐसे घर है। जहां जवान बेटियां सिर्फ। इसलिए। घरमे बैठी है के शादी के खरच और जहेज़ फिक्र है
कई नौजवान डिग्री होने। के बावजुद बेरोजगार घूम रहे है।
कई किसान बैंक का लोन न भर पाने। कि वजा से खुदकुशी जैसे रास्ते अपना रहे है आज भी देश। की बेटिया सुरक्षित नहीं, कब कहा क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता...
क्या देश का विकास हो रहा है??
क्या देश का विकास हो रहा है??
आज जहां हम तरक्की की बुलंदियों को छू रहे है. वहीं समाज ने अपराध जुर्म का एक नया रूप के लिए है। डिजिटल इंडिया के डिजिटल चोर! तो  क्या पुलिस को भी डिजिटल बनने की जरूरत नहीं है, जहां चोर वेबसाइट हैक करना जानते है वह  पुलिस को अपना खुदका वाई फाई पासवर्ड जानने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति  मदद की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे पुलिस से हम क्या उम्मीद रख सकते हैं।
आज पुलिस केस / कोर्ट जाने के बजाए खुद की लड़ झगड कर मामला निपटा लेते है,ये सरासर गलत है। ऐसा कर हम खुद ही पुलिस और कोर्ट की एहिमियत खो दे रहे हैं। पुलिस अपना काम नहीं करेगी तो करवाना पड़ेगा, खुद को आगे अना होगा।
आज हमें खुद सतर्क रहने की ज़रूरत है,,,
किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता, चाहे वो अपना सगा ही क्यों ना हो। आज समाज। में ऐसे कई केस देखने को मिले है के जिसमें अपराधी और कोई नई घर। का ही  सगा हो।
समाज बढ़ते अपराध और जुर्म को रोकना इतना आसान नहीं और  ये किसी एक व्यक्ति या एक संगठन की जवाबदारी नहीं। येभरत के हर नग्रिक का फ़र्ज़ है, के वो समाज की रक्षा और लोगो की सहायता। में आगे आए।  आज समाज में लोगो को वीडियोग्राफर या फटॉग्रफर्स बनने का शौक पैदा हुए है, सामने खड़ा व्यक्ति दर्द से में क्यों ना रहा हो हमए वीडियो बनाना जन बचाने से ज़्यादा ज़रूरी लगा है, अग्र ऐसे ही चलता रहा तो हमारा बर्बाद होना निश्चित है। सहानुभूति,सहायता,दया, प्रेम आदि जैसे अनमोल गुण हम खोते जा रहे हैं, क्या ऐसे जीव का नाम ही मनुष्य है।।नहीं नहीं
मनुष्य सदा सभी जीवों में सर्वोपरि रहा है, और यही गुण  लक्षण उस दूसरे जीवों से अलग करते हैं।
हमें इस पर गहरा चिंतन करने की जरूरत है, देश। कविकास त भी होगा जब देश का नाग्रिक विकसित होगा। मानवता के अच्छे गुण ही हमें  कामयाब बनाते हैं।
जय हिन्द, जय भारत। देश का विकास हो रहा है??
यदि आपका उत्तर हां है तो में बताना चाहूंगा  आज
भी कई ऐसे घर है जहां दो दिन में एक  बार चूल्हा जलता है
भी ऐसे घर। है जहां बाप सुबह काम। केलिए तो निकलता है लेकिन शाम को उस खाली हाथ लौटना पड़ता है
आज भी ऐसे घर है। जहां जवान बेटियां सिर्फ। इसलिए। घरमे बैठी है के शादी के खरच और जहेज़ फिक्र है
कई नौजवान डिग्री होने। के बावजुद बेरोजगार घूम रहे है।
कई किसान बैंक का लोन न भर पाने। कि वजा से खुदकुशी जैसे रास्ते अपना रहे है आज भी देश। की बेटिया सुरक्षित नहीं, कब कहा क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता...
क्या देश का विकास हो रहा है??
क्या देश का विकास हो रहा है??
आज जहां हम तरक्की की बुलंदियों को छू रहे है. वहीं समाज ने अपराध जुर्म का एक नया रूप के लिए है। डिजिटल इंडिया के डिजिटल चोर! तो  क्या पुलिस को भी डिजिटल बनने की जरूरत नहीं है, जहां चोर वेबसाइट हैक करना जानते है वह पुलिस को अपना खुदका वाई फाई पासवर्ड जानने के लिए किसी दूसरे व्यक्ति  मदद की ज़रूरत पड़ती है. ऐसे पुलिस से हम क्या उम्मीद रख सकते हैं।
आज पुलिस केस / कोर्ट जाने के बजाए खुद की लड़ झगड कर मामला निपटा लेते है,ये सरासर गलत है। ऐसा कर हम खुद ही पुलिस और कोर्ट की एहिमियत खो दे रहे हैं। पुलिस अपना काम नहीं करेगी तो करवाना पड़ेगा, खुद को आगे अना होगा।
आज हमें खुद सतर्क रहने की ज़रूरत है,,,
किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता, चाहे वो अपना सगा ही क्यों ना हो। आज समाज। में ऐसे कई केस देखने को मिले है के जिसमें अपराधी और कोई नई घर। का ही  सगा हो।
समाज बढ़ते अपराध और जुर्म को रोकना इतना आसान नहीं और। येकिसी एक व्यक्ति। याएक संगठन की जवाबदारी नहीं। येभरत के। हरनग्रिक का फ़र्ज़ है, के वो समाज की रक्षा। और लोगो की सहायता। में आगे आए।  आज समाज में लोगो को वीडियोग्राफर या फटॉग्रफर्स बनने का शौक पैदा हुए है, सामने खड़ा व्यक्ति दर्द से में क्यों ना रहा हो हम वीडियो बनाना जन बचाने से ज़्यादा ज़रूरी लगा है, अग्र ऐसे ही चलता रहा तो हमारा बर्बाद होना निश्चित है। सहानुभूति,सहायता,दया, प्रेम आदि जैसे अनमोल गुण हम खोते जा रहे हैं, क्या ऐसे जीव का नाम ही मनुष्य है।।नहीं नहीं
मनुष्य सदा सभी जीवों में सर्वोपरि रहा है, और यही गुण  लक्षण उस दूसरे जीवों से अलग करते हैं।
हमें इस पर गहरा चिंतन करने की जरूरत है, देश। कविकास त भी होगा जब देश का नाग्रिक विकसित होगा। मानवता के अच्छे गुण ही हमें  कामयाब बनाते हैं।
जय हिन्द, जय भारत।

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